"EK KADAM SAFALTA KI OR" :MOTIVATIONAL POEM-ORIGINAL DUNIYA



यह कविता आपको पुरे उत्साह से भरने के लिए काफी है। आप हर कर भी जीत सकते हो। यह कविता ऐसे लोगो के लिए जो किसी एक हर से निराश होकर बैठ गए है और दोबारा जीतने की इच्छा को त्याग चुके है। DOSTO YAH KAVITA MAINE AAP LOGO KE LIYE PURI MEHANAT KARKE BANAYI HAI ISILYE YADI PASAND AAYE TO PLEASE COMMENT KARKE JARUR BATAYE.




↞एक कदम सफलता की ओर ↠



बढ़ता चल तू इस तरह ,
की न थक सके कभी ,
सफलता का एक कदम बढ़ाता चल,
क्योकि अपना अरमान दिखाना है अभी। 


हौसला हो बुलंद ,
तो तू हारेगा कभी न कभी ,
पर हौसला हो बुलंद ,
तो हार कर भी हार न मानेगा कभी। 


हर नया कदम ,
तेरी नयी पहचान होगी ,
पहचान को रख कायम ,
क्योकि यही तेरी शान होगी। 

कठिनाइयों से मत घबराओ ,
एक-एक कदम बढ़ाते जाओ ,
दौड़ो मत ऐसा की थक जाओ ,
सफलता का एक कदम बढ़ाते जाओ। 


मत सोच की तू छोटा है ,
मत सोच की तू गिर जायेगा ,
विश्वाश रख तू  अपने पर ,
तू गिरकर फिर उठ जायेगा। 
और फिर से कदम बढ़ाएगा। 

जो हार गए इस दौड़ में,
उनसे कुछ तू सीख ले ,
जो जीत गए इस दौड़ में ,
वो उपदेश है इस दौड़ के। 



अंतिम लाइन ,कविता का हल ,
रुकना नहीं ,नहीं भागना ,
बस एक कदम बढ़ाता चल। 
बस एक कदम बढ़ाता चल,
और यही गीत तू जाता चल। 


                                                   धन्यवाद 




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"EK KADAM SAFALTA KI OR" :MOTIVATIONAL POEM-ORIGINAL DUNIYA "EK KADAM SAFALTA KI OR" :MOTIVATIONAL POEM-ORIGINAL DUNIYA Reviewed by satendra singh on 21 फ़रवरी Rating: 5

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