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न हारेगा तू कभी बस दूसरे को हराने की मत सोच ,उससे जीतने की सोच।
ये लाइन यदि हम ठीक तरीके से अपने जीवन में उतार सके तो इसका मतलब उतना ही साफ़ है जितना की आप अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने में लगे है।
कहते है की जीतना है तो हार मत मानिये पर जीतने के लिए ये बिलकुल जरुरी नहीं की आप किसी दूसरे को हानि पहुंचाकर जीते। क्योकि ऐसे में आप स्वयं ही अपनी जीत का असली मज़ा नहीं उठा सकते।
इस जिंदगी में बहुत जरुरी होती है परेशानिया, क्योकि परेशानिया नहीं होगी तो हम LIFE में ज्यादा आगे नहीं बढ़ सकते। लेकिन उससे भी ज्यादा जरुरी होता है की आप जिन परेशानियों से गुजर रहे है या गुजर चुके है उन परेशानियों में दूसरो को जाने से बचाये।
आज कुछ इसी प्रकार के विचारो को लेकर हमें एक कविता मिली जो आपको बहुत कुछ सिखा सकती है।
इस जिंदगी में बहुत जरुरी होती है परेशानिया, क्योकि परेशानिया नहीं होगी तो हम LIFE में ज्यादा आगे नहीं बढ़ सकते। लेकिन उससे भी ज्यादा जरुरी होता है की आप जिन परेशानियों से गुजर रहे है या गुजर चुके है उन परेशानियों में दूसरो को जाने से बचाये।
आज कुछ इसी प्रकार के विचारो को लेकर हमें एक कविता मिली जो आपको बहुत कुछ सिखा सकती है।
- "राहे बनाते चलिये " -
ठोकरें खाइये, पत्थर भी उठाते चलिए ,
आने वालो के लिए राह बनाते चलिए।
अपना जो फर्ज है वो निभाते चलिए,
गम हो जिसका भी उसे अपना बनाते चलिए।
कल तो आएगा ,मगर आज न आएगा कभी ,
ख्वाब-ऐ-गफलत में है जो उनको जागते चलिए ,
अज्म है दिल में तो मंज़िल भी कोई दूर नहीं ,
सामने आये जो दीवार उसे गिराते चलिए।
नफरते फासले कुछ और बढ़ा देती है ,
गीत कुछ प्यार के इन राहो में गाते चलिए।
राहें दुस्बार है ,बेसाया सजर है सारे ,
धुप है सर पर, कदम तेज़ बढ़ाते चलिए।
काम ये एहले जहाँ का है ,सुने या न सुने ,
अपना पैगाम ज़माने को सुनाते चलिए।
दिल में सोये हुए नग्मों को जगाना है अगर ,
मेरी आवाज़ में आवाज़ मिलाते चलिए।
रास्ते जितने है ,सब जाते है मंज़िल की तरफ ,
शर्त-ऐ-मंज़िल है ,मगर झूमते गाते चलिए।
कुछ मिले या न मिले अपनी वफाओ का शिला ,
दामन-ऐ-रस्मे वफ़ा अपना बढ़ाते चलिए।
यूँ ही शायद दिले वीरान में बहार आ जाये ,
जख्म जितने मिले सीने में सजाते चलिए।
जब तलग हाथ न आ जाये किसी का दामन ,
धज्जियां अपने गिरेबां की उड़ाते चलिए।
शौक से लिखिए फ़साना मगर एक शर्त के साथ ,
इस फ़साने से मेरा नाम मिटाते चलिए।
आज के दौर में यही बेहतर है ,
इस बुरे दौर से दामन बचाते चलिए।
ठोकरें खाइये ,पत्थर भी उठाते चलिए ,
आने वालो के लिए राह बनाते चलिए।
तो दोस्तों मुझे आशा है आप इस कविता से जरूर कुछ न कुछ सीख लेंगे ,इसी आशा के साथ मैं आपक सभी के बेहतर भविष्य की कामना करता हु। हँसते रहे ,मुस्कुराते रहें ,अपने आप को बेहतर बनाते रहें।
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APNI RAAHE BANATE CHALIYE अपनी _राहे_ बनाते_ चलिए-INSPIRING POEM BY OUR INSPIRATION
Reviewed by satendra singh
on
19 मार्च
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